राजनीति विज्ञान कक्षा 12 अध्याय 7 सवाल जवाब

 लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट

नक्सलवादी आंदोलन से आप क्या समझते हैं ?
पश्चिमी बंगाल, बिहार ,आंध्र प्रदेश में चल रहा नक्सलवादी आंदोलन उन लोगों का समूह है,

लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट
जो क्रांतिकारी तरीके से यहां तक की हिंसात्मक तरीके से भी सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था में तुरंत परिवर्तन व संपूर्ण परिवर्तन करना चाहते हैं।
यह लोग धनी भूमि स्वामियों से जमीन छीनकर भूमिहीन लोगों में बेचते हैं। इन राज्यों की यह हिंसक आंदोलन सरकारों के प्रयासों से भी समाप्त नहीं हुए । अभी आंदोलन झारखंड जैसे राज्यों में भी सक्रिय है । फ़िलहाल विभिन्न राज्यों के 75 जिले नक्सलवादी आंदोलन से प्रभावित हैं। नक्सलवादी मार्क्सवादी- विचारधारा से प्रभावित है ।

1975 में आपातकाल स्थिति की घोषणा के प्रमुख कारण क्या थे?
70 के दशक में देश आर्थिक व राजनीतिक  स्थिरता से गुजर रहा था। 1971 के  चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत से जीती थी। परंतु फिर भी सारे देश में राजनीतिक आंदोलन चल रहे थे। 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने आपातकाल की स्थिति की घोषणा की। जिसके निम्न कारण थे-
1.बिहार का विद्यार्थी आंदोलन,
2.गुजरात आंदोलन जिसमें चुनी हुई सरकारों को कार्य करने नहीं दिया जा रहा था ।
3.राष्ट्र की एकता व अखंडता को खतरा,
4.आंतरिक गड़बड़ी जिससे प्रशासन ठप हो गया था,
5.इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के संदर्भ में श्रीमती इंदिरा गांधी से इस्तीफा की मांग,
          इन सभी कारणों के कारण 1975 में आपातकाल की घोषणा की गई।

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श्रीमती इंदिरा गांधी ने आपात स्थिति की घोषणा किस प्रकार से की?
श्रीमती इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश में आपात स्थिति की घोषणा करने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन  अली अहमद को मौखिक सलाह दी । जिस को मानकर उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आंतरिक गड़बड़ी के कारण आपातकाल की स्थिति की घोषणा कर दी। श्रीमती गांधी ने इस निर्णय  के लिए मंत्रिमंडल की कोई भी औपचारिक बैठक नहीं कि। मंत्रिमंडल को भी इसकी सूचना 26 जून कि सुबह को दी को दी दी गई । देश में इस बार आपातकाल की स्थिति की घोषणा प्रथम बार की गई थी। श्रीमती इंदिरा गांधी ने देश को यह बताने का प्रयास किया कि, आपातकाल की स्थिति की घोषणा के लिए विरोधी दल जिम्मेदार जिम्मेदार है।

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आपातकाल की स्थिति की घोषणा के तुरंत परिणाम क्या थे?
आपातकाल की स्थिति की घोषणा के तुरंत परिणाम निम्न थे-
1.नागरिकों के मौलिक अधिकार स्थगित हो जाते हैं,
2.देश का संघात्मक स्वरूप समाप्त हो जाता है ,
3.देश का प्रशासनिक स्वरूप एकात्मक हो जाता है ,
4.सभी प्रकार के आंदोलनों पर पाबंदियां लगा दी गई ,
5.निवारक नजरबंदी कानून का लागू होना, 6.सभी विषयों पर संसद को कानून बनाने का अधिकार राष्ट्रपति के हाथों में पूरे देश का शासन आ जाता है ।
यह सारी परिणाम आपातकाल की घोषणा के बाद आई। 

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जनता पार्टी की सरकार गिरने के क्या प्रमुख कारण थे?
जनता पार्टी की सरकार के गिरने के प्रमुख कारण है-
जनता पार्टी का टूटना। वास्तव में जनता पार्टी केवल कुछ खास परिस्थितियों का ही परिणाम था। जनता पार्टी के घटकों में ताल- मेल में नहीं था । कुछ प्रमुख नेताओं की पद  लापता थी । प्रमुख घटकों में व्यक्ति पूजा होते थे। जनता पार्टी के घटकों में आपसी मतभेद का जारी रहना।
यह सारे कारणों के कारण जनता पार्टी की सरकार  गिरी।

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