अधिवास भूगोल की प्रकृति एवं विषय क्षेत्र का वर्णन करें - class 12 geography notes in hindi and summary
नगरीय बस्तियों - अधिवास भूगोल की प्रकृति एवं विषय क्षेत्र का वर्णन करें
नगरी बस्तियां तत्कालीन सभ्यता की चरम सीमा का प्रतीक होती है । जहां साधारण जनसमूह एकत्रित रहता है । यह बस्तियां अपने क्षेत्र की भौतिक एवं संस्कृति प्रकृति की सूचना होती है। नगरीय अधिवास उन आदिवासियों को कहते हैं । जिनमें निवास करने वाले अधिकांश लोग द्वितीय एवं तृतीय कार्यों में संलग्न रहते हैं ।
नगरी बस्तियों का वर्गीकरण -अधिवास भूगोल की प्रकृति एवं विषय क्षेत्र
1.जनसंख्या का आकार - विश्व के अधिकांश देशों ने नगरी बस्तियों लोगो को परिभाषित करने के लिए इसी मापदंड को आधार माना है।किंतु नगरीय अधिवास की श्रेणी में आने के लिए जनसंख्या की आकार की निचली सीमा भिन्न-भिन्न देशों में अलग-अलग है ।
2.व्यावसायिक संरचना -कई देशों में व्यावसायिक संरचना को भी नगरी लोगों के वर्गीकरण का आधार तत्व माना जाता है। जैसे -भारत में किसी बस्ती को नगर तभी कहा जा सकता है ,जब वहां पर कम से कम 75 % पुरुष और कृषि कार्यों में संलग्न हो।
3.प्रशासन -कई देशों में नगरों को प्रशासनिक आधार पर भी परिभाषित किया जाता है । जैसे- भारत में वे सभी अधिवासो जहां पर नगर पालिका ,छावनी बोर्ड अथवा अधिसूचित नगरीय समितियां हैं। नगर कहलाते हैं ।
नगरों का कार्यात्मक वर्गीकरण -अधिवास भूगोल की प्रकृति एवं विषय क्षेत्र का वर्णन करें
कार्य के आधार पर समानता निम्नलिखित तीन वर्गों में बांटा गया है-
1.प्रशासनिक नगर - देश की राजधानी नगर जिसमें केंद्रीय सरकार के प्रशासनिक कार्यालय होते हैं । उन्हें प्रशासनिक नगर कहा जाता है। उदाहरण के लिए- नई दिल्ली बीजिंग आदि ।
2.व्यापारिक एवं व्यवसायिक नगर -इन श्रेणी के नगरों में व्यापारिक एवं आवश्यक कार्यों की प्रधानता मिलती है।
3.संस्कृतिक नगर - तीर्थ स्थल तथा धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नगर सांस्कृतिक नगरों की श्रेणी में आते हैं।
अधिवास भूगोल की प्रकृति एवं विषय क्षेत्र का वर्णन करें - class 12 geography notes in hindi and summary
Hello guy'sआशा करता हूं कि यह ब्लॉग आपको अच्छी लगी होंगी| आपको यह ब्लॉक कैसा लगा ?
हमें कमेंट करके बताएं |
धन्यवाद!
आपका Dreamer,