periodic table with real elements short सम्मरी and history of classification
परिचय- इस Blog Post (ब्लॉग पोस्ट) में हम( periodic table with real elements ) periodic table, mendeleev periodic table,atomic table के बारे में जानेंगे। उनकी classification को जानेंगे ।
किस प्रकार हमारे वैज्ञानिकों ने periodic table with real elements का निर्माण किया । उनका इतिहास क्या है? उनके बारे में हम इस blog post (ब्लॉग पोस्ट) में चर्चा करेंगे। कुछ और भी महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में हम जानेंगे जैसे
Period classification of element क्या है? किस प्रकार साइंटिस्ट ने periodic table with real elements का निर्माण किया? किस प्रकार scientists ने अपना महत्वपूर्ण समय देकर एलिमेंट का खोज किया ?
Period classification of element
तत्वों के अध्ययन को सरल बनाने हेतु एक समान गुण वाले तत्वों को एक साथ रखना और अलग-अलग वाले तत्वों को अलग रखने की व्यवस्था को Period classification of element कहा जाता है। periodic table with real elements में कई वैज्ञानिक हैं । जो इस प्रकार हैं-1.डाल्टन डोबेराइनर का त्रिक सिद्धांत
2.न्यूलैंड का अष्टक सिद्धांत
3.मेंडलीफ की आवर्त सारणी
4.आधुनिक आवर्त सारणी
चलिए इन सभी विषयों के बारे में चर्चा करते हैं ।
लेवसियर-
लेवसियर ने 1774 में metal (मेटल )ओर Non-metal (नॉनमेटल ) के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जितने भी तत्व basic रहे हैं। वह मेटल कहलाते हैं और जितने भी तत्व acid प्रकृति के हैं । वह nonmetal (ननमैगल) कहलाते हैं। केमिस्ट्री के जगत में पहली बार किसी (साइंटिस्ट) वैज्ञानिक ने मेटल ओर नॉनमेटल की यह पद्धति दी थी । जो पूरे जगत में एक क्रांति थी । इसी कारण लेवसियर को फादर ऑफ केमिस्ट्री कहा जाता है ।डाल्टन
डाल्टन की थ्योरी 1808 में आई । डाल्टन की थ्योरी को परमाणु थियोरी कहां गया । उन्होंने बताया कि जितनी भी atom है । वह मिलकर एलिमेंट बनाते हैं। डाल्टन के theory से ही हमारे पास पहली बार एलिमेंट की संख्या निकल कर आई थी । जो 12 से 13 थी ।डाल्टन डोबेराइनर का त्रिक सिद्धांत
डाल्टन एक जर्मन के वैज्ञानिक थे । उन्होंने सभी तत्वों को तीन-तीन के समूह में रखा और इस समूह को ही त्रिक कहा गया । इन्होंने तत्वों को तीन बढ़ते क्रम में रखा जिनमें बीच वाले तत्वों का परमाणु भार atomic mass (एटॉमिक मास) अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान के लगभग औसत के बराबर होती हैं ।जैसे -----
LI Na K
7 23 39
Formula - A+c/2=B
कमियां- यह सिद्धांत सफल नहीं हो सका क्योंकि इस सिद्धांत से हम सभी तत्वों को एक रूप में नहीं जमा सकते हैं ।
न्यूलैंड का अष्टक सिद्धांत
न्यूलैंड ने तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम के अनुसार क्लासिफिकेशन किया । न्यूलैंड के समय ज्ञात तत्वों की संख्या 56 थी । उन्होंने हाइड्रोजन से अपनी Period classification of element आरंभ किया तथा थोरियम पर अपनी periodic table with real elements को खत्म किया। उन्होंने बताया कि हर एक तत्व अपने से आठवें तत्व के गुणधर्म के समान है । जैसे लिथियम और सोडियम ।कमियां - लेकिन यह नियम सिर्फ कैल्शियम तक ही सफल रहा। इसके बाद यह नियम असफल रहा । उन्होंने यह कल्पना की थी कि इस पृथ्वी पर सिर्फ 56 से तत्व ही हो सकते हैं। इसके बाद कोई और तत्व की खोज इस पृथ्वी पर नहीं होगी। लेकिन हम यह जानते हैं कि आज वर्तमान समय में कुल तत्वों की संख्या 118 है । जिसके कारण यह भविष्यवाणियां असफल रहा ।
मेंडलीफ की आवर्त सारणी
मेंडलीफ केमिस्ट्री के एक वैज्ञानिक थे। Period classification of element में मेंडलीफ का काफी योगदान रहा था ।नोट- मेंडलीफ ने ही सबसे पहले आवर्त सारणी का निर्माण किया।
मेंडलीफ ने हाइड्रोजन से शुरू कर तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम को एक टेबल में अरेंज किया । इन्होंने आवर्त सारणी को ग्रुप (वर्ग )और पीरियड (आवर्त )में बांटा है। मेंडलीफ के आवर्त सारणी में 9 वर्ग तथा 7 आवर्त थे ।
कमियां - समान गुण वाले तत्वों को अलग-अलग रखा गया। ज्यादा atomi mass (एटॉमिक मास) वाले तत्व को कम एटॉमिक मास वाले तत्वों से पहले रखा गया ।
Ex- आयोडीन को 126.92 को टेल्यूरियम 127.61 के बाद रखा गया ।