प्रवास: प्रकार, कारण और परिणाम
जनसंख्या के प्रवास या प्रवसन से तात्पर्य -
मानव समूह या व्यक्ति के भौगोलिक स्थान के परिवर्तन से हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार प्रवसन एक प्रकार से भौगोलिक स्थान परिवर्तन या स्थानीय प्रकाशित है। जो एक भौगोलिक इकाई और दूसरी भौगोलिक इकाई के बीच देखने को मिलती है। जिनमें रहने और पहुंचने का स्थान दोनों बदल गए हैं।
जनसंख्या का प्रवास दो प्रकार से होता है
1.उत्प्रवास,
2.अप्रवास,
जिस स्थान को छोड़कर मनुष्य अन्य स्थानों पर चले जाते हैं। उस स्थान के संदर्भ में प्रवास कोपढ़ने के लिएकहते हैं। और प्रवास करने वाले व्यक्तियों को कोवा सीकहते हैं।
इसी तरह अन्य स्थानों से आकर जिस स्थान पर मनुष्य बस जाते हैं। उस के संदर्भ में प्रवास कोअप्रवासकहते हैं। और प्रवास करने वाले व्यक्तियों को अप्रवासी कहते हैं।
प्रवास की आंतरिक धाराएं
भारत में अंतरिक्ष प्रवास की निम्नांकित चार धाराएं मिलती है -
1. ग्रामीण से ग्रामीण प्रवास - - एक ग्राम से दूसरे ग्राम को होने वाला प्रवास ग्रामीण से ग्रामीण प्रवास कहलाता है।भारत में ग्रामीण से ग्रामीण प्रवास को धारा में महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा रहती है।
2. ग्रामीण से नगरी प्रवास- - ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में होने वाला प्रवास ग्रामीण से नगरीय प्रवास के के कहलाता है। भारत में इस धारा के अंतर्गत महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या प्रवास स्तर पर अधिक होती है।
3. शहरीकरण से नगरी प्रवास - एक नगर से दूसरे नगर में होने वाला प्रवास नगरी से नगरी प्रवास कहलाता है। नगरी से ग्रामीण प्रवास नगरी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों की ओर ग्रामीण क्षेत्रों की ओर होने वाला प्रवास अन्य प्रवासियों की तुलना में सबसे कम होता है।
आंतरिक प्रवास
एक राष्ट्रीय से दूसरे राज्य में होने वाले प्रवास को आंतरिक प्रवास कहते हैं। जनगणना 2001 के अनुसार भारत में विश्व के विभिन्न देशों से 50 लाख व्यक्तियों का प्रवास हुआ है। इनमें से 96% निवासी पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका से आए हैं।
तिब्बत, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान नामक देशों से लगभग 1.6 लाख शरणार्थियों ने भारत में शरण ली है।
प्रवास के कारण
प्रवास के लिए भौतिक, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक कारण उत्तरदाई होते हैं।
1.भौतिक कारण - भौतिक कारण के अंतर्गत जलवायु संबंधी परिवर्तन भूकंप ज्वालामुखी ,हीम राशियों का घटना- बढ़ना, मिट्टी की उपजाऊ होना सम्मिलित किया जाता है ।
2.आर्थिक कारण -आर्थिक कारणों में रोजगार कृषि उद्योग परिवहन व्यापार आदि सम्मिलित होते हैं । लोग आजीविका के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से नगरी क्षेत्रों में जाते हैं । क्योंकि कृषि में एक निश्चित जनसंख्या को ही आजीविका मिल सकती है । व्यापारी व्यापार के लिए दूसरे स्थानों पर जाते हैं ।
3.राजनीतिक कारण -राजनीतिक तथा जातीय दंगों के कारण लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों को प्रवास कर जाते हैं जाते हैं कर जाते हैं को प्रवास कर जाते हैं जाते हैं कर जाते हैं ।
प्रवास के परिणाम
1.आर्थिक परिणाम -थॉमस के अनुसार स्थान परिवर्तन करने वाले प्रया बलिष्ठ व नौजवान ही होते हैं । जबकि बाल, वृद्धि तथा दुर्बल आदि सभी पीछे रह जाते हैं। नौजवान लोग जिस देश में पहुंचते हैं । उसे शक्तिशाली बनाकर उसका आर्थिक विकास करते हैं। जबकि बच्चे ,बूढ़े और दुर्बल लोगों की कार्य क्षमता कम होने के कारण उनके अपने देश का आर्थिक विकास पिछड़ जाता है ।
2. जनांकिकीय परिणाम - ग्रामीण नगरीय प्रवास नगरों में जनसंख्या की वृद्धि में योगदान देने वाले महत्वपूर्ण कारकों में से एक है । ग्रामीण क्षेत्रों से होने वाले प्रवास में युवा आयु वर्ग की प्रमुखता रहती है । जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लिंगानुपात बढ़ जाता है, तथा नगरीय क्षेत्रों में लिंग अनुपात घट घट जाता है।
3. सामाजिक परिणाम - प्रवासी नवीन तकनीक परिणाम नियोजन बालिका शिक्षा आदि से जुड़े नवीन विचारों का प्रसार नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर होता है । प्रवास विविध संस्कृतियों की लोगों का अंतर मिश्रण होता है।
4. पर्यावरणीय प्रभाव - प्रवास के पर्यावरणीय प्रभाव बहुत गंभीर होते हैं। प्राय प्रवास ग्रामीण क्षेत्रों से नगरी क्षेत्रों की ओर होता है। जिससे यहां प्रवास की समस्या विकराल रूप ले लेती है । परिणाम गंदी बस्तियां का जन्म होता है।
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