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आर्थिक व राजनीतिक सत्ता के वैकल्पिक केंद्र के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं Political Science Class 12 Chapter 5 Question Answers in Hindi
सत्ता राजनीति का सार है। हर राज्य सत्ता की लालसा में ग्रस्त रहता है ,लेकिन सत्ता अपना केंद्र बदलते रहती है। इसलिए राज्य की सत्ता में उतार-चढ़ाव का सिलसिला चलता रहता है।
क्षेत्रीय संगठन को बनाने के उद्देश्य क्या है
दूसरे महायुद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ दो महा शक्तियों के रूप में उभरे दुनिया दो ध्रुवीय हो गए, क्योंकि अनेक देश की सेना किसी महाशक्ति किसी महाशक्ति के इर्द-गिर्द घूमने लगे।
क्षेत्रीय संगठनों को बनाने के उद्देश्य क्या है
लेकिन गुटनिरपेक्ष देशों ने सत्ता का तीसरा केंद्र स्थापित किया। इन देशों की संख्या बढ़ती चली गई । जिसने शीत युद्ध को शिथिल करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
1991 में सोवियत संघ के विघटन के कारण एकमात्र अमेरिकी प्रभुत्व स्थापित हो गया।
चीन ने अपने को आर्थिक शक्ति के रूप में उभारा । उसने संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत दोनों महा शक्तियों के प्रभुत्व की निंदा की ।
लेकिन 1970 के बाद दोनों ने उसे अपनी ओर आकृष्ट करने का प्रयास किया।उत्तर- माओ काल में चीन सत्ता का का केंद्र बन चुका है। इतना ही नहीं हांगकांग और मकाओ द्वीपों के विलय के बाद वहां उदारवादी अर्थव्यवस्था चल रही है।
इसलिए चीन को एक देश एक देश दो अर्थव्यवस्थाओं की संज्ञा दी जाती है। पश्चिम यूरोप के देशों ने 1997 में यूरोप का आर्थिक समुदाय स्थापित किया। अब यह यूरोपीय संघ है। यह आर्थिक शक्ति का एक अन्य केंद्र कहा जा सकता है। जिसकी मुद्रा अमेरिकी डॉलर को चुनौती दे रही है।
दक्षिण पूर्व एशिया के देशों ने अपना क्षेत्र संघ बना लिया है । जिसे आसियान कहते हैं। इसकी कुछ सदस्यों को नए आर्थिक बाग कहा जाता है।
चीन भारत का सबसे बड़ा पड़ोसी है । दोनों की सभ्यताएं बहुत पुरानी है।
प्रधानमंत्री नेहरू ने चीन के साथ निकट संबंध स्थापित किए दुर्भाग्य की बात है कि उन्हें 1962 में 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण करके इन संबंधों को तोड़ दिया। हांगकांग और मकाओ चीन के प्रसिद्ध द्वीप हैं जिनका हैं जिनका चीन में विलय हुआ है।
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