Class 12 Political Science Chapter 2 Notes in Hindi |class 12 political science राष्ट्र निर्माण के मार्ग summary
राष्ट्र निर्माण के मार्ग- Class 12 Political Science Chapter 2 Notes in Hindi
परिचय -15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ । लेकिन यह खुशी एक मातम में बदल गया । भारत से पाकिस्तान की मांग से पूरा भारत वर्ष को बहुत बड़ा नुकसान हुआ । यह अंग्रेजी शासन की फूट डालो और राज करो की नीति के अंतर्गत हुआ।
भारत की आजादी तथा उसका बटवारा के बारे में हम आगे जानेंगे।
भारत के विभाजन के कारण -
1.भारत में रह रहे मुस्लिमों के बीच असुरक्षा की भावना,
2.मुसलमानों का सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक दृष्टि में पिछड़ापन,
3.मुस्लिम सांप्रदायिक भावना,
4.अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति ,
5.ऐतिहासिक कारण ,
6.मुस्लिमों की धार्मिक नीति,
इन सभी कारणों के माध्यम से भारत मैं विभाजन का माहौल उत्पन्न हुआ।
स्वतंत्र भारत की चुनौतियां -Class 12 Political Science Chapter 2 Notes in Hindi
विभाजन के समय भारत में हुई चुनौतियां -
1.भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या सीमित नहीं थी ।
2.वह भारत के पूर्वी तथा पश्चिमी इलाकों में अधिक संख्या में स्थित थी।
3.भारत के सभी मुसलमान पाकिस्तान नहीं जाना चाहते थे। कुछ मुसलमान भारत मै रहना चाहते थे ।
4.भारत में बंगाल व पंजाब प्रांत में मुसलमानों की अलावा हिंदू भी रहते थे। जिसके कारण विभाजन करना कठिन था।
5.दोनों ही देशों में अल्प संख्याओं को स्थानांतरण कर दिया गया था।
6.पाकिस्तान से हिंदू व सिख और भारत से मुस्लिम समुदाय का स्थानांतरण कर दिया गया।
भारत का स्वतंत्रता संघर्ष : महत्वपूर्ण तथ्य - Class 12 Political Science Chapter 2 Notes in Hindi
विभाजन के समय गांधी जी की भूमिका -
विभाजन से गांधी जी काफी दुखी थे। वे इस विभाजन को हर हालत में रोकना चाहते थे । परंतु ऐसा ना हो सका। मुस्लिम समुदाय को गांधी जी ने आश्वासन दिया था।
कि आपके साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। परंतु इसका कोई भी प्रभाव मुस्लिम समुदाय पर नहीं पड़ा।
जिन्ना भाइयों ने अपना पूरा जोर लगा दिया। जिससे विभाजन होकर ही रहा । इसमें गांधीजी काफी दुखी हुए।
देसी रियासतों के भारत में विलय के समय आई कठिनाइयां
- -भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। उस समय भारत में दो रियासतें थी । पहला देसी रियासत तथा दूसरा ब्रिटिश सरकार द्वारा चलाया गया रियासत।
- देसी रियासत पर देसी शासकों का शासन था। ब्रिटिश रियासतों पर ब्रिटिशओं का शासन था। 1947 ,जो माउंटबेटन योजना पर आधारित था ।
- उसके अनुसार देसी रियासतों को यह पूरी आजादी थी कि वह चाहे पाकिस्तान के साथ विलय कर ले या भारत के साथ विलय करे।
- परंतु कुछ रियासतों ने अपनी निर्णय लेने में काफी देरी कि उसमें हैदराबाद, जूनागढ़ तथा कश्मीर के शासक शामिल थे। इन देसी रियासतों को भारत में विलय होने पर काफी मुसीबतों का सामना भी करना पड़ा । कई जगह दंगे उत्पन्न हो गये।
Class 12 Political Science Chapter 2 Notes in Hindi -राष्ट्र निर्माण के मार्ग
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